अंबिकापुर. 12वीं कक्षा की छात्रा दो बार से फेल हो जा रही थी। वह घर में ही रहती थी। सोमवार को उसके माता-पिता ने कहा कि तुम कैसे पढ़ाई करती हो कि बार-बार फेल हो जा रही हो। इतना सुनते ही छात्रा काफी दुखी हो गई।
इसके बाद उसने फसल में डालने वाले कीटनाशक का सेवन कर लिया। उसे गंभीर स्थिति में होलीक्रॉस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। बेटी की मौत से माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। इधर पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की विवेचना शुरु कर दी है।
आज के दौर में माता-पिता की हल्की डांट भी बेटे-बेटियां बर्दास्त नहीं कर पा रहे। थोड़ी डांट-डपट के बाद वे अपनी जान देने जैसा कठोर कदम उठा लेते हैं। ऐसा ही एक मामला बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के राजपुर थाना क्षेत्र से सामने आया है। ग्राम कुदरू निवासी १९ वर्षीय राधिका राजवाड़े पिता कामेश्वर राजवाड़े 12वीं कक्षा की छात्रा थी।
पिछले वर्ष 12वीं की परीक्षा में वह फेल हो गई थी। इस दौरान उसके परिजन ने उससे कहा कि कोई बात नहीं, अगली बार के लिए तैयारी करो। इसके बाद वह फिर से पढ़ाई में जुट गई। इस बार भी उसने 12वीं की परीक्षा दी थी। जब रिजल्ट आया तो फिर से वह फेल थी। इस परिणाम से वह काफी निराश थी।
वह घर में ही रहकर माता-पिता के काम में हाथ बंटाती थी। सोमवार को उसके घरवालों ने कहा कि तुम कैसे पढ़ाई करती हो कि बार-बार फेल हो जाती हो। इससे राधिका इतना ज्यादा दुखी हो गई कि कुछ देर बाद उसने जहर का सेवन कर लिया। जहर के असर से जब वह उल्टियां करने लगी तो माता-पिता ने उससे पूछताछ की।
इस दौरान उसने जहर खाने की बात बताई तो उनके होश उड़ गए। उसे आनन-फानन में स्थानीय अस्पताल ले जाया गया। यहां से उसे रेफर किए जाने के बाद अंबिकापुर के मिशन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। बेटी के असमय मौत से माता-पिता व परिजन का रो-रोकर बुरा हाल है। मामले में पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2Kwk5gM
कोई टिप्पणी नहीं: