हाइकोर्ट ने इस वजह से आरक्षक पदोन्नति परीक्षा पर लगाई रोक, पुलिस विभाग से कहा- पहले इस काम को करें पूरा, फिर...
अंबिकापुर. हाइकोर्ट के आदेश पर सरगुजा व बलरामपुर में आरक्षक से प्रधान आरक्षक के लिए बुधवार से आयोजित होने वाली विभागीय परीक्षा स्थगित कर दी गई है। न्यायालय में प्रदेश सरकार द्वारा पूर्व में की गई पदोन्नति को ड्रॉप कर नई पदोन्नति परीक्षा लेने के संबंध में कई अभ्यर्थियों ने याचिका पेश की थी।
मंगलवार को न्यायालय ने आदेश जारी करते हुए वर्ष 2018 में चयनित अभ्यर्थियों को बिना ड्राप किए नया विज्ञापन जारी करने को कहा है। पुलिस विभाग ने न्यायालय के आदेश के आधार पर पदोन्नति परीक्षा पुन: आयोजित करने को कहा है।
पुलिस विभाग द्वारा वर्ष 2018 में आरक्षक से प्रधान आरक्षक के पद पर पदोन्नत करने के लिए अ व ब वर्ग में परीक्षा आयोजित की गई थी। इसमें से ब वर्ग के पदोन्नत सभी आरक्षकों को पदोन्नति दे दी गई थी लेकिन अ वर्ग के अभ्यार्थियों की पदोन्नति सूची जारी नहीं की थी।
वर्ष 2019 में एक बार फिर से पुलिस विभाग द्वारा आरक्षक से प्रधान आरक्षक के लिए पदोन्नति हेतु बुधवार को पुन: परीक्षा आयोजित की जा रही थी। इसमें पूरे प्रदेश के विभिन्न जिले के लिए परीक्षा आयोजित की जानी थी। इसकी जानकारी वर्ष 2018 में अ वर्ग में बैठे अभ्यर्थियों को हुई तो उन्होंने हाइकोर्ट में रिट पिटिशन दायर कर दी।
हाइकोर्ट ने मामले को संज्ञान में लेते हुए तत्काल पिटिशन पर सुनवाई किया तथा 19 फरवरी को आदेश जारी करते हुए कहा कि वर्ष 2018 में आयोजित परीक्षा के अ वर्ग के अभ्यर्थियों को पहले विभाग में पदोन्नति प्रदान करें।
इसके बाद ही वर्ष 2019 के लिए परीक्षा आयोजित करें। न्यायालय ने सुनवाई के बाद अप्रैल के पहले सप्ताह तक के लिए परीक्षा स्थगित कर दी है।
303 अभ्यर्थी थे सरगुजा से
वर्ष 2019 में आयोजित परीक्षा में सरगुजा से 303 अभ्यर्थियों को शामिल होना था। इसके साथ ही सूरजपुर, बलरामपुर व जशपुर से भी कई अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल होने वाले थे। न्यायालय के आदेश के बाद सभी प्रभावित हुए।
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