Video : यौन शोषण के आरोपियों के समर्थन में कलक्टोरेट पहुंचीं अन्य छात्राएं, पीडि़त छात्राएं बोलीं- एसी और प्राचार्य ने रिपोर्ट वापस लेने बनाया दबाव
अंबिकापुर. कन्या क्रीड़ा परिसर की छात्राओं के साथ यौन उत्पीडऩ के मामले में शिक्षा परिसर की छात्राएं शुक्रवार को आरोपियों के पक्ष में सड़क पर उतर गई। वे आरोपियों को बचाने के लिए परिसर से निकलकर लगभग 3 किमी का सफर पैदल तय कर कलक्टोरेट पहुंच गईं।
इसकी जानकारी होने के बावजूद विभाग के किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने उन्हें रोकने तक का प्रयास नहीं किया। कलक्टर व एसपी के सख्त तेवर को देख सभी छात्राएं हॉस्टल लौट गई। आरोपियों के समर्थन की जानकारी जब पीडि़त छात्राओं को मिली तो वे भी क्रीड़ा परिसर हॉस्टल से बाहर निकलकर सड़क पर भूख हड़ताल पर बैठ गर्इं।
छात्राएं सहायक आयुक्त आजाक व शिक्षा परिसर की प्राचार्य को हटाने की मांग लेकर धरने पर बैठी थीं। इसकी जानकारी लगते ही कन्या क्रीड़ा परिसर भाजयुमो व भाजपा महिला मोर्चा की पदाधिकारी व सदस्य भी वहां पहुंच गर्इं। छात्राओं को समझाने पहुंचे एसडीएम व तहसीलदार की भी बातों को उन्होंने मानने से इनकार कर दिया।
इस दौरान भाजपाइयों व एसडीएम के बीच जमकर बहस हुई। भाजपाई तत्काल सहायक आयुक्त व प्राचार्य को निलंबित किए जाने की मांग करने की मांग पर अड़े रहे। इधर महिला बाल विकास विभाग की टीम भी २ दिन बाद महिला अधिवक्ताओं की टीम के साथ कन्या क्रीड़ा परिसर पहुंची।
कन्या क्रीड़ा परिसर की शिक्षिका सहित उसके पति व पूर्व अधीक्षक के पति पर छात्राओं द्वारा 2 दिन पूर्व ही यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाया गया था। पुलिस अधिकारियों द्वारा पूरे मामले को गम्भीरता से लेते हुए आरोप लगाने वाली छात्राओं के बयान के आधार पर आरोपी शिक्षक एरियल एक्का व उसकी पत्नी के खिलाफ जुर्म दर्ज करते हुए एक शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया था।
इसके साथ ही छात्राओं के बयान के आधार पर हॉस्टल की पूर्व अधीक्षिका के पति देवनाथ लकड़ा के खिलाफ भी जुर्म दर्ज किया गया था। लेकिन इस पूरे मामले को नया रंग देने का प्रयास किया गया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रायोजित तरीके से हॉस्टल की बाकी छात्राएं पैदल नारेबाजी करते हुए आरोपियों के समर्थन में कलक्टोरेट पहुंच गई। यहां कलक्टर डॉ. सारांश मित्तर से मुलाकात करने की मांग करने लगीं।
कलक्टर ने 5 छात्राओं को बुलाकर हकीकत जाननी चाही, लेकिन सभी छात्राएं एक सुर में आरोपी एरियल एक्का व अर्चना एक्का को बेहतर बताने मेें जुटी हुई थी और वे कलक्टर की भी बात सुनने को तैयार नहीं थीं। कलक्टर से सभी छात्राओं ने एक स्वर में कहा कि आरोपी शिक्षक व उनकी पत्नी के खिलाफ दर्ज मामला वापस लिया जाए।
कलक्टर ने कहा कि पुलिस द्वारा दर्ज मामला कभी भी वापस नहीं होता है। अगर शिक्षक सही हैं तो उन्हें डरने की जरूरत हैं, न्यायालय में सबकुछ साफ हो जाएगा। कलक्टर ने सभी छात्राओं को कहा कि कोई एक भी छात्रा अगर आकर उत्पीडऩ की शिकायत करती है तो मेरे लिए वे महत्वपूर्ण है।
उन्होंने छात्राओं से चर्चा करने के बाद उन्हें हॉस्टल वापस जाने को कहा। छात्राएं कलक्टर कक्ष से बाहर निकलने के बाद एकजुट होकर एसपी सदानंद कुमार के पास पहुंच गईं। एसपी ने भी दो टूक कहा कि एक भी छात्रा अपने साथ उत्पीडऩ की शिकायत करती हैं तो पुलिस विभाग उसकी सुरक्षा के लिए खड़ा है।
इस मामले में एफआईआर दर्ज हो चुकी है, जिसे वापस नहीं लिया जा सकता है। यह पूरा मामला न्यायालय के समक्ष विचाराधीन हो चुका है। छात्राओं के साथ पहुंची शिक्षिका को भी एसपी ने जमकर फटकार लगाई और वापस जाने को कहा।
समानांतर जांच से कलक्टर ने किया इनकार
विभागीय जांच व प्रशासन द्वारा कोई जांच कमेटी बैठाए जाने पर कलक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने कहा कि पूरा मामला न्यायालयीन हो गया है। चूंकि मामले में तत्काल पुलिस ने जुर्म दर्ज कर लिया है। दंडात्मक कार्रवाई के लिए विवेचना पुलिस द्वारा की जा रही है। इसलिए प्रशासन द्वारा समानांतर जांच कराने का मतलब पुलिस जांच को प्रभावित करना होगा।
प्राचार्य व आयुक्त पर लगा दबाव बनाने का आरोप
इधर उत्पीडऩ का आरोप लगाने वालीं छात्राएं डर की वजह से हॉस्टल के बाहर सड़क पर धरने पर बैठ गईं। उन्होंने सहायक आयुक्त आजाक को हटाने की मांग करते हुए जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। छात्राओं ने एसडीएम अजय त्रिपाठी से कहा कि गुरुवार को शिक्षा परिसर की प्राचार्य हॉस्टल में आईं थीं और उन्हें सुबह स्कूल नहीं जाने की बात कही थी।
इसके साथ ही कहा गया था कि जांच करने आला अधिकारी शुक्रवार को आएंगे। प्राचार्य ने यह भी कहा था कि अगर एफआइआर वापस नहीं लिए तो वार्षिक परीक्षा में सभी को फेल कर देंगीं। छात्राओं ने सहायक आयुक्त पर आरोप लगाया कि वे सुबह हॉस्टल पहुंचकर एफआइआर वापस लेने के लिए दबाव बना रहे थे और कन्या शिक्षा परिसर की छात्राओं पर दबाव बनाकर कलक्टोरेट ले गए थे।
डंडा खाने को हैं तैयार, लेकिन आवाज को दबने नहीं देंगे
भाजयुमो नगर अध्यक्ष विकास वर्मा व अन्य पदाधिकारी उत्पीडऩ की शिकार हुईं छात्राओं के समर्थन में कन्या परिसर पहुंच गए थे। इस दौरान एसडीएम द्वारा उपस्थित पुलिस अधिकारियों को भाजयुमो कार्यकर्ताओं को हटाने की बात कही। इस पर भाजयुमो कार्यकर्ताओं व एसडीएम के बीच जमकर बहस हुई।
नगर अध्यक्ष ने कहा कि आप अगर डंडा चलवाते हैं तो हम खाने को तैयार हैं, लेकिन छात्राओं की आवाज दबने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि जब छात्राएं आपके सामने आयुक्त व प्राचार्य पर आरोप लगा रही हैं तो उन पर तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए।
18 बच्चियों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता
कलक्टर ने कहा कि जिन 18 छात्राओं ने उत्पीडऩ की शिकायत कराई थी। उनकी सुरक्षा करना प्रशासन की पहली जिम्मेदारी है। नहीं तो जो छात्राएं आरोपियों के समर्थन में कलक्टोरेट पहुची थीं उन्हें जीने नहीं देंगीं। उन 18 छात्राओं का नाम पूरी तरह से गोपनीय रखा गया है।
इनके नाम मुझे भी पता नहीं है। उन्होंने कहा किसी भी छात्रा को डरने की जरूरत है, अगर कोई उन पर दबाव बनाता है वे तत्काल पुलिस अधीक्षक या फिर मुझे शिकायत कर सकती हैं।
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