शासन की 1100 एकड़ जमीन का बनवा लिया गया था फर्जी पट्टा, मुंबई की कोल माइंस को बेचने की थी तैयारी, लेकिन...
अंबिकापुर. सरगुजा जिले के लुंड्रा ब्लॉक के ग्राम पंचायत रिरी की 1100 एकड़ शासकीय जमीन का पट्टा यादव परिवार द्वारा फर्जी दस्तावेज के सहारे करवा लिया गया था। वर्ष 2012 में हुए इस बड़े फर्जीवाड़े में पटवारी की भी मिलीभगत थी। इस मामले में प्रशासन की रिपोर्ट पर पुलिस ने अपराध दर्ज किया था। इस मामले में पुलिस ने बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर के ग्राम गाजर निवासी एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
लुण्ड्रा विकासखंड के ग्राम पंचायत रिरी में वर्ष 2012 में 11 सौ एकड़ जमीन का पट्टा फर्जी तरीके से तैयार करवा लिया गया था। मामले की जानकारी पार्षद आलोक दुबे को होने के बाद उन्होंने इसकी शिकायत लिखित में तात्कालीन कलक्टर आर प्रसन्ना से की थी। तात्कालीन कलक्टर ने मामले की जांच कराई थी।
जांच के बाद मामले में तात्कालीन कलक्टर ने एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए थे। मामले की शिकायत प्रशासन द्वारा लुण्ड्रा थाने में 27 फरवरी 2013 को की गई थी। मामले में लुण्ड्रा के ग्राम शासकीय भूमि के खसरा क्रमांक 138/16 व 138/50 283.137 हेक्टेयर भूमि का पटवारी से मिलीभगत करते हुए फर्जी दस्तावेज को तैयार कर यादव परिवार के सदस्यों द्वारा मुम्बई के फतेहपुर ईस्ट कोल माइंस अंधेरी को बिक्री करने हेतु अनुबंध कर लिया गया था।
इस दौरान वहां पटवारी प्रशांत तिवारी पदस्थ थे, जिनके खिलाफ विवेचना के बाद एफआईआर दर्ज की गई। मामले की विवेचना हेतु एसपी सदानंद कुमार द्वारा विशेष दल का गठन किया गया था। विवेचना में पाया गया कि ग्राम रिरी स्थित उक्त भूमि शासकीय मद में दर्ज है, जिसे व्यास मुनि यादव व परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा हल्का पटवारी से मिलीभगत कर शासकीय अभिलेखों में कूटरचना करते हुए फजी नामांतरण करवाकर शासकीय भूमि को निजी मद में परिवर्तित करा लिया गया था।
फर्जी नामांतरण पश्चात भूमि को शासकीय मद से निजी मद में परिवर्तित किया जा चुका था और इसे बेचने का प्रयास किया जा रहा था। मामले में विशेष अनुसंधान दल ने सोमवार को रामचन्द्रपुर गाजर निवासी साबिर अंसारी पिता शौकत अली असंारी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
5 साल में एक आरोपी हुआ गिरफ्तार
विशेष अनुसंधान दल पांच वर्ष में मामले के एक आरोपी को ही गिरफ्तार करने में सफल हो सकी है। जबकि अभी भी मामले के २० आरोपी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं। व्यास मुनि यादव सहित उसके परिवार के अधिकांश सदस्यों का नाम इस मामले में शामिल है। लेकिन पुलिस ने अब तक उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकी है।
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