अंबिकापुर. नेशनल तिब्बती वूमेंस एसोसिएशन द्वारा 25 अप्रैल से शांति मार्च निकाला जाएगा। मैनपाट में निवासरत तिब्बती महिलाएं भी इस मार्च में शामिल होंगीं।
इनका कहना है कि 24 वर्ष पूर्व उनके धर्मगुरू पेंछन लामा को चाइना द्वारा परिवार सहित गिरफ्तार कर लिया था। उन्होंने कहा कि पेंछन लामा जीवित हैं या फिर उनकी मौत हो गई है, इसे विश्व पटल पर चाइना द्वारा सामने लाया जाना चाहिए।
तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा द्वारा तिब्बत के ग्राम नेकुछा में रहने वाले 6 वर्षीय लामा को वर्ष 1989 में 11वां पेंछन लामा के पद पर नियुक्त करते हुए इसकी घोषणा की थी। घोषणा के दो दिन बाद ही पेंछन लामा को चाइना ने गायब करा दिया था।
इसके बाद से आज तक तिब्बतियों को यह पता नहीं है कि पेंछन लामा कहां गया, जीवित भी है या उसकी मौत हो गई है। इसे लेकर २५ अप्रैल से तिब्बतियों द्वारा शांति मार्च निकाला जाएगा।
तिब्बती महिलाओं द्वारा निकाले जाने वाले शांतिमार्च में मैनपाट की भी महिलाएं शामिल होंगी। मार्च में शामिल होने के लिए कुछ तिब्बती महिलाएं यहां से निकल गई हैं और कुछ अभी रवाना होंगी।
नागपुर से मार्च करते हुए पैदल रायपुर पहुंचेगी। इसके साथ ही एक ग्रुप सिलीगुड़ी के लिए रवाना हो रहा है। एक ग्रुप उत्तराखंड के देहरादून से दिल्ली तक पैदल मार्च करेगा। इसके साथ ही दक्षिण भारत में भी पैदल मार्च निकाला जाएगा।
कई जगह करेंगे पैदल मार्च
तिब्बती महिलाएं नागपुर के साथ सिक्कम से सिलीगुड़ी तक और धर्मशाला से चंडीगढ़ तक पैदल यात्रा करेंगे। इसके साथ ही देहरादून से दिल्ली व मैसूर से बैंगलोर तक महिलाएं शांति मार्च करेंगीं।
इसमें देशभर की महिलाएं शामिल होंगी। तिब्बतियों का कहना है कि 25 अप्रैल को पेंछन लामा का जन्मदिन है। इस शांति मार्च में तिब्बती महिलाएं करीब 1500 किलोमीटर पैदल मार्च करेंगीं।
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